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माननीया प्रधानमंत्री महोदय,
ऐसा लगता है कि राजस्थान में शिक्षण संस्थाओं को शिक्षक ही जबरन वैश्यालयों
में तब्दील कर देना चाहते है .सबसे शर्मनाक बात यह है कि शिक्षा का मंदिर
कहे जाने वाले इन स्थलों पर घिनौनी हरकतें करने वाले हवस के पुजारियों को
राज्य शासन का पूरा समर्थन प्राप्त है .
मार्च 2016 में पाली जिले के सोजत में 4 मासूम दलित लड़कियों के साथ छैलसिंह
चारण नामक शिक्षक ने छेड़छाड़ की ,प्रलोभन ओर धमकी के जरिये जबरन सम्बन्ध
बनाने की कोशिश की ,उनकी छातियों को छुआ और इस हरकत के बारे में किसी को
बताने पर जान से मार डालने की धमकी तक दी .मामले का पता चलने पर पुलिस में
मामला दर्ज करवाने वाली कस्तूरबा गाँधी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के घर
पर दो बार जानलेवा हमला किया गया .अजा जजा अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक
एवं पोस्को तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ( घ ) के तहत मामला दर्ज
हुआ.
न्याय देने के बजाय इन पीड़ित नाबालिग दलित लड़कियों तथा उनके परिजनों को
धमकाने और बयान बदलवाने का अंतहीन सिलसिला चला. आरोपी इतने रसूख वाले निकले
कि जाँच अधिकारी बदलवाकर अन्य जिले में तैनात "अपनी जात " के पुलिसिये को
कार्यवाही दिला दी,ताकि दोषी को बचाया जा सके.
मार्च के अंत में बीकानेर जिले के नोखा के श्री जैन आदर्श शिक्षक प्रशिक्षण
महाविद्यालय में एक अत्यंत प्रतिभावान दलित किशोरी का वहीँ के शारीरिक
शिक्षक विजेन्द्रसिंह ने बलात्कार किया और बाद में उसे मार कर पानी के कुंड
में डाल दिया. पूरे प्रदेश और देश तथा यहाँ तक कि विदेशों तक मामला उठा
.सीबीआई जाँच की मांग की गयी ,मगर आज तक सीबीआई जाँच तो दूर जाँच के लिए
नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया गया .
हाल ही में भीलवाड़ा जिले की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जीवलिया के एक
नाबालिग आदिवासी भील बच्चे के साथ उसी स्कूल के प्रधानाध्यापक श्यामलाल ओझा
ने अश्लील हरकत की.मामले का वीडियो वायरल हो जाने के बाद ग्रामीणों ने
प्रदर्शन किया, लिखित शिकायत की गई,मगर सिर्फ प्रधानाध्यापक को एपीओ करके
कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई.जबकि मामला पोस्को जैसे गंभीर कानून से जुड़ा
हुआ है.
खबर आ रही है एक और शैक्षणिक संस्थान में दलित छात्राओं के साथ दुष्कर्म का
मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है ,जिसे दबाने की कोशिश चल रही है. देश के माननीय प्रधानमंत्री महोदय यह हो क्या रहा है शिक्षा के इन
मंदिरों में ?प्रदेश की दलित बेटियां क्यों सुरक्षित नहीं है स्कूलों में ?
आखिर सोजत की उन मासूम नाबालिग दलित छात्राओं को न्याय कब मिलेगा ? मिलेगा
या नहीं मिलेगा ? या उन्हें भी डेल्टा की तरह झूठा और चरित्रहीन साबित करके
कलंकित करने का कारनामा किया जायेगा. महोदय ,वैसे तो आपसे कोई उम्मीद बची ही नहीं है क्योंकि आपके प्रधानमंत्री
रहते राजस्थान के दलितों को न्याय मिलेगा .यह संभव नहीं लगता .फिर भी आप एक
बार दलित वर्ग के लोगो को निष्पक्ष न्याय दिलाकर देखिये
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